करवा चौथ पर क्यों पूजते हैं चांद, एवं जानिए पूजन मुहूर्त।
हिंदू परंपरा के अंतर्गत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। कल 01 नवम्बर को चतुर्थी को करवा चौथ का पर्व मनाया जायेगा।
इस दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा कर अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन चंद्रमा की ही पूजा क्यों की जाती है?
करवा चौथ के विषय में अलग-अलग क्षेत्र में कुछ कहानियां प्रचलित है।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने के संबंध में एक मनोवैज्ञानिक पक्ष भी है।
उसके अनुसार- रामचरितमानस के लंका कांड के अनुसार, जिस समय भगवान श्रीराम समुद्र पार कर लंका में स्थित सुबेल पर्वत पर उतरे और श्रीराम ने पूर्व दिशा की ओर चमकते हुए चंद्रमा को देखा तो अपने साथियों से पूछा – चंद्रमा में जो कालापन है, वह क्या है?
राम प्रभु के इस प्रश्न का सभी लोगों ने अपनी क्षमता अनुसार और अपनी सोच के अनुसार जवाब दिया। किसी ने कहा हो सकता है कि इस पर कुछ पृथ्वी की छाया पड़ रही हो। तो किसी ने यह सोचा कि जब राहु ने हमला किया था तो उस कारण काला हो गया। तो किसी ने कहा कि अंधेरा बहुत है इसलिए काला दिख रहा है।
तब भगवान श्रीराम ने कहा- विष यानी जहर चंद्रमा का बहुत प्यारा भाई है। इसीलिए उसने विष को अपने ह्रदय में स्थान दे रखा है, जिसके कारण चंद्रमा में कालापन दिखाई देता है।
अपनी विषयुक्त किरणों को फैलाकर वह वियोगी नर-नारियों को जलाता रहता है।
इस पूरे प्रसंग का मनोवैज्ञानिक पक्ष यह है कि जो पति-पत्नी किसी कारणवश एक-दूसरे से बिछड़ जाते हैं, चंद्रमा की विषयुक्त किरणें उन्हें अधिक कष्ट पहुंचाती हैं। इसलिए करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा कर महिलाएं कामना करती हैं
कि किसी भी कारण उन्हें अपने पति का , अपने जीवनसाथी का बिछोड़ा न झेलना पड़े।
उन्हे लम्बी आयु मिले यही कारण है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करने का विधान है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त।
05:24pm से 06:41pm
करवा चौथ व्रत समय
06:16Am से 08:05pm
चंद्रोदय समय 08:05pm
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