Dr Shafali Garg

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ज्योतिष” भाग्य नहीं बदलता बल्कि कर्म पथ बताता है, और सही कर्म से भाग्य को बदला जा सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है।

मंत्र जाप करने से क्या होता है?

मंत्र जाप करने  से या मंत्र सुनने से ही हमारी चेतना जाग उठती है आज इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि मंत्र जाप हमारी बॉडी पर किस तरह से काम करते हैं।

मंत्र जाप के लिए पहले समझते हैं मंत्र का अर्थ

मंत्र का अर्थ समझे तो कह सकते हैं “एक शुद्ध ध्वनि” ।आज आधुनिक विज्ञान ने यह साबित कर दिया है कि समूचा अस्तित्व ऊर्जा का स्पंदन है। जब आप लगातार किसी एक खास मंत्र का जाप करते हैं तो उस  मंत्र के प्रत्येक अक्षर से ऊर्जा निकलती है जिससे आपके शरीर के चक्र और ग्रंथियां प्रभावित होते हैं।  लगातार प्रत्येक अक्षर के उच्चारण से निकली ऊर्जा ,जब इन ग्रंथियां और चक्रो से टकराती है तो यहां स्पंदन शुरू हो जाता है।

इसी प्रकार सालों तक मंत्र जाप करने से यह स्पंदन एक अथाह  ऊर्जा की टक्कर के साथ, एक प्रहार के रूप में उन ग्रंथियां और चक्रो के आवरण को तोड़कर, उन सोए हुए स्थान को जगा देता है । कह सकते हैं कि एक्टिव कर देता है,  तो हमें उनसे संबंधित शक्तियों का आभास होने लगता है। हमें यह चीज इसलिए चमत्कार लगती हैं,  क्योंकि हमारा शरीर एक अलग तरीके से बर्ताव करता है । एक जागरूक तरीके से बर्ताव करता है।

यहां  एक तरफ यह मंत्र जाप की  ऊर्जा हमारे शरीर के आंतरिक और बाहृय भागों पर काम करती है। वहीं दूसरी तरफ यह एनर्जी ब्रह्मांड में फैली अन्य ऊर्जाओं के संपर्क में जाने लगती है। और जैसी इस ऊर्जा का गुण है, प्रकृति है। अपने से मेल खाती हुई दूसरी ऊर्जाओं जिनका गुण और प्रकृति मिलता जुलता  है,  उनसे जाकर मिलती है या फिर संयुगमन करती है।

आसान शब्दों में समझे तो (मंत्र जाप के) उच्चारण से जो कंपन होते हैं वह हमारे चारों तरफ फैलने लगते हैं और उससे संबंधित  देव या शक्ति से अपना संतुलन करने की कोशिश करते हैं और जब यह उसके अत्यंत करीब होते हैं तो, उससे संपर्क स्थापित कर लेते हैं इसे ही हम मंत्र का सिद्ध होना कहते हैं।

इसलिए भी कहते हैं कि मंत्र का उच्चारण एकदम साफ और स्पष्ट शब्दों में होना चाहिए क्योंकि यदि उच्चारण बदला तो उसे शब्द से निकलने वाली vibration या frequency भी बदल जाएगी और आप उसे खास,( particular )ऊर्जा को manifest नहीं कर पाएंगे।

अब समझते हैं विज्ञान के नजरिए से (मंत्र जाप )

चरक संहिता कहती है की

 “यथा पिंडे तथा ब्राह्मडे

यथा ब्रह्मांडे तथा पिंडे “

इसका मतलब है कि जो हमारे शरीर में है वहीं पूरे ब्रह्मांड में, पूरी दुनिया में है। और जो पूरी दुनिया में है ,वह हमारे शरीर में है ।  हम यह भी कह सकते हैं कि हमारा शरीर ही ब्रह्मांड है।

Man is the epitome of universe

हम इंसान और हमारा यूनिवर्स एक जैसे हैं ।  या हम इस पूरे ब्रह्मांड की एक छोटी सी छवि है।

हमारे मस्तिष्क में बिलियंस आफ न्यूरॉन्स मिलकर एक ठीक वैसा ही स्ट्रक्चर बनाते हैं ,जैसा स्टार और गैलेक्सी मिलकर यूनिवर्स का बनाते हैं।

जिस तरह यूनिवर्स में मौजूद हर एक चीज की  vibes होते हैं और कह सकते हैं कि वह अपनी एक frequency produce करता है ।  जिसे brain wave (दिमागी तरंगे ) कहा जाता है। यही ब्रेन वेव तय  करती है, कि हम किस तरह के इंसान हैं।  हमारा conscious लेवल क्या है। हमारा दिमाग कितना एकाग्र (concentrated)  है।

हमारा दिमाग पांच तरह की तरंगे उत्पन्न करता है। बीटा, अल्फा, थीटा, डेल्टा और गामा।

जब आप बीटा ब्रेन वेव स्थिति में होते हैं तो हमारे दिमाग में प्रति मिनट लगभग 48 से 60 विचार आते हैं।

जब आप अल्फा स्टेट स्थिति में होते हैं तो हमारे दिमाग में प्रति मिनट लगभग 30 विचार आते हैं ।

वहीं यदि हम थीटा ब्रेन वेव स्थिति में हो तो, लगभग 15 विचार  और डेल्टा स्टेट में लगभग 10 विचार ही हमारे मस्तिष्क में आते हैं।

एक सामान्य आम आदमी के दिमाग में आने वाले विचार लगभग 48 से 60 के बीच में होते हैं ,इसका अर्थ हुआ कि एक सामान्य आदमी बीटा स्टेट ऑफ माइंड में रहते हैं । इतने ज्यादा विचारों के चलते हम किसी भी चीज पर ध्यान कंसंट्रेट नहीं कर पाते हैं।

बीटा से अल्फा स्टेट ज्यादा बेहतर है क्योंकि उसमें हम लगभग 30 विचारों के आसपास आते हैं ।और जैसे-जैसे हमारे मस्तिष्क में विचार कम आना शुरू करेंगे । हमारा दिमाग ज्यादा अच्छा ,ज्यादा बेहतर , ज्यादा एकाग्रता के साथ , ज्यादा शक्तिशाली तरीके से काम करना शुरू कर देगा।  इसीलिए कहा गया है कि “निर्विचार में ही ईश्वर बसते हैं”।

 मंत्र जाप के समय  जब आप अपने मस्तिष्क को एक मंत्र पर focus या एकाग्र करते हैं तो आपका दिमाग केवल उस समय, उस मंत्र के विषय में सोचता है और आपके मस्तिष्क में फालतू विचार आना ऑटोमेटिक या अपने आप ही कम हो जाते हैं।  और आपका दिमाग पहले से अधिक पावरफुल तरीके से काम करने लगता है । इसको हम एक  उदाहरण से भी समझ सकते हैं । जैसे की हम फोन की memory  को यदि हम फुल कर दें, 80 से 90% तक भर दें।  तो हमारा फोन अच्छे से काम नहीं करता, बंद होता रहता है अ,टकता रहता है । और यदि हम इस फोन को सारी चीज डिलीट करके रिसेट कर दें तो वही फोन बहुत अच्छे से काम करता है।  ठीक हमारे मस्तिष्क में भी विचारों का pressure (दबाव )  कम होगा, तो वह हर काम में इतनी ताकत लगा देगा ,कि रिजल्ट देखकर आप खुद हैरान रह जाएंगे।

अंत में मैं यह कहना चाहूंगी । की मंत्र  जाप अपने आप बहुत ताकतवर है, शक्तिशाली है। यह हमारी भौतिक और अध्यात्मिक जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं।

हर मंत्र में अपनी ऊर्जा है ताकत है जिस प्रकार कोई वैज्ञानिक एक अपने जीवन भर की मेहनत के बाद अपनी खोज या आविष्कार को एक संक्षिप्त सूत्र या फार्मूला में कोड कर देते हैं उसी प्रकार प्राचीन समय में भी मंत्र एक विशेष सूत्र ही हुआ करते थे।

मंत्र जाप के नियम

वैसे तो आप किसी भी आरामदायक अवस्था में अपने हृदय की गहराई से प्रभु को याद करें ,तो वह जरूर आपको सुनेगा।

फिर भी पौराणिक शास्त्रों में कुछ आसान नियमों का उल्लेख किया है जो कि हमारे ज्ञान को एकाग्रचित करने में हमारी सहायता करते हैं। जैसे-

🌷 मंत्र जाप के लिए यूं तो सुबह का समय सर्वाधिक उत्तम और उपयुक्त है। ब्रह्म मुहूर्त में किया गया मंत्र जाप बहुत अधिक शुभ फलदाई होता है। इसके अलावा आप पूरे दिन में कोई भी समय निश्चित कर ले, जो भी समय आपकी सुविधा अनुसार आपको पसंद हो ।आप एक निश्चित समय पर मंत्र जाप करें तो वह ज्यादा अच्छा होगा।

🌷 जब भी आप जाप शुरू करें तो यह ध्यान दें, कि आपका तन और मन स्वच्छ हो, निर्मल हो ,गंदे -थके हुए पसीने हुए कपड़े, हमेशा हमारा ध्यान इधर-उधर खींचते हैं ।तो जितना ज्यादा संभव है ।स्वस्थ, ढीले, कपड़े पहने और आरामदायक स्थिति में रहे।

🌷 यदि आपका ध्यान इधर-उधर भी भटक रहा है तो भी चिंता ना करें। ज्यादा से ज्यादा कोशिश यह रखें कि आप अपने मंत्र को तरफ ही सोचे। आप अपने मंत्र को ही सिमरन करते रहे।

🌷 यदि आपने किसी गुरु से मंत्र धारण किया हुआ है तो इस मंत्र का जाप अधिक से अधिक करें ।आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी ।और गुरु का आशीर्वाद भी मिलेगा।

ओम इस द मोस्ट पॉवरफुल मंत्र,, यह कह सकते हैं कि ओम सबसे अधिक शक्तिशाली मंत्र है यह मूलाधार चक्र से शुरू होता है और crown चक्र  तक जाता है । (सभी शरीर के चक्रो को जागरूक करता हुआ सहस्त्रधार चक्र की तरफ बढ़ता है।) हम सभी को किसी न किसी मंत्र जाप से लाभ लेना चाहिए ।यदि कोई “गुरु मंत्र” हमारे पास है ,तो उसका जाप करें । और यदि नहीं  है, तो हम “ओम” शब्द का मंत्र जाप कर सकते हैं।

मैं डॉक्टर शैफाली गर्ग उम्मीद करती हूं यह जानकारी आपको पसंद आए, आपके काम आए। मंत्र जाप का लाभ आप उठा पाए। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आभार

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